एन्टरप्रिन्योरशिप -स्टार्टअप की राह में बाधाएं ऐसे दूर भगाएं

स्टार्टअप की शुरुआत में कुछ गलतियां लाजिमी हैं | लेकिन ,इन गलतियों से बचा भी जा सकता है | कैसे -आइये जानते है :-
         किसी भी स्टार्टअप के पनपने के शुरुआती हालात काफी अहम होते हैं | कंपनी से जुड़े एक दो गलत फैसले लम्बे समय तक प्रभावित करते हैं | ऐसे में कुछ खास गलतियों से बचाव व्यवसाय के लिहाज से बेहतर होगा |

सह -संस्थापक के साथ रखें पारदर्शिता   

अगर कंपनी में सह -संस्थापक है तो आपसी सामंजस्य 
के लिए हर कदम पर पारदर्शिता का ध्यान रखना चाहिए |
नुकसान -फायदे से जुड़ी हर बात सह -संस्थापक की 
जानकारी में होनी चाहिए | 
   
 शुरुआत में टीम हो छोटी 
स्टार्टअप की शुरुआत में टीम को बड़ा न बनाएं | बजट
व जोखिम को ध्यान रखते हुए फैसले लें | समय के साथ
 कार्य के बढ़ते दायरे के अनुसार ही टीम का विस्तार करें | 
  
कर्मचारियों के चयन में रहें सतर्क 
एन्टरप्रिन्योर कई बार बिना पद के निर्धारण के कर्मचारियों
 का चयन कर लेते हैं | उन्हें आगे इसकी वजह से स्टाफ के
 प्रबंधन में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है | टीम में उन
 ही लोगो को चुनें ,  जो स्टार्टअप के उदेश्य का सम्मान करते 
हों | परस्पर तालमेल के अभाव से कार्य क्षमता प्रभावित है | 

 

धैर्य के साथ बढ़ें आगे 
काम की शुरुआत में ही सफलता व लाभ की उम्मीद करना
 अपरिपक्व सोच है | उधमी को कई  मुश्किल पड़ावों के बाद
 सफलता मिलती है | 

  लक्ष्य को स्पष्ट रखें 
स्पष्ट योजना और बाजार को समझे बिना किसी भी क्षेत्र में 
कदम न रखें | बाजार की समझ व पहले से बनाई योजनाएं 
आने वाली दिक्क्तों को संभालने में मदद करेंगी | 

समाधान पाने में न करें देरी 
 किसी भी समस्या को हल्के में न लें | उसे देर तक न 
टालें | उसका तुरंत समाधान ढूंढें | अकसर आगे जाकर
 यही समस्याएं बड़ी  हो जाती हैं | 

वित्तीय सावधानियां 
भले ही आप अपनी कंपनी के रचनात्मक व मार्केटिंग                                       लक्ष्य पर 
 पहलू से जुड़ें हो , लेकिन आर्थिक मामले की समझ                                        लगाएं ध्यान
बेहद जरुरी है | ताकि आप किसी तरह के धोखे से                          बतौर उद्यमी आप शुरुआत में एक
 बच सकें |                                                                             समय पर कई सारे कार्य एक साथ करने
                                                                                         के लिए बाध्य होते हैं | लेकिन ऐसे में बेहतर
खामियों से सीखें                                   प्रबंधन के लिए एक समय पर एक ही 

लगातार मिलती असफलता का दोष सिर्फ अपने                       काम चुनें और उसमें अपना सौ प्रतिशत दें|
सह -संस्थापक को देते रहने की बजाय अपनी 
गलतियों को स्वीकारें | उन गलतियों से सबक
 लेकर आगे बढ़ें |
  

No comments:

Post a Comment